By Shivakant Shukla Last Updated:
नमिता थापर (Namita Thapar) बिजनेस इंडस्ट्री में एक पॉपुलर नाम है और वह सबसे खूबसूरत एंटरप्रेन्योर्स में से एक के रूप में जानी जाती हैं। वह 'एमक्योर फार्मास्युटिकल्स' की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं और वर्तमान में बिजनेस रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया सीजन 2' में बतौर जज सुर्खियां बटोर रही हैं। शो के एक हालिया एपिसोड में नमिता को अपने दो असफल आईवीएफ के बारे में बात करने के लिए बहुत प्रशंसा मिल रही है। आइए आपको बताते हैं।
उसी के बारे में बात करते हुए नमिता थापर ने साझा किया कि कैसे समाज में आईवीएफ और इन्फर्टिलिटी (बांझपन) के बारे में बात करना वर्जित है। अपनी कहानी साझा करते हुए नमिता ने खुलासा किया कि अपने पहले बच्चे के बाद उन्होंने 3 से 4 साल तक स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की कोशिश की, लेकिन जब वह गर्भधारण नहीं कर पाईं, तो नमिता ने 2 बार आईवीएफ करवाया, लेकिन वह भी असफल रहा। उसी के बारे में अपनी भावनाओं को साझा करते हुए नमिता ने कहा, "मेरे मामले में जब मैं 28 साल की थी, तो मैं गर्भवती होना चाहती थी और 2 महीने में मैंने गर्भधारण किया और उसके बाद 3 से 4 साल तक मैंने कोशिश की और मैं गर्भधारण नहीं कर पाई। मैं 2 आईवीएफ और उन 25 इंजेक्शनों व भावनात्मक और शारीरिक दर्द से गुज़री हूं।”
एपिसोड के इसी पार्ट में उन्होंने आगे बात की कि समाज लोगों को इन्फर्टिलिटी के बारे में बात करने के लिए वर्जित करता है। उनके शब्दों में, "समाज में इस विषय पर बात करना मना है। हालांकि, मेरे पास पहले से ही बच्चे हैं, लेकिन उन माता-पिता की कल्पना करें, जिनके बच्चे नहीं हैं। दो कोशिशों के बाद मैंने हार मान ली और कहा कि मैं एक बच्चे के साथ खुश हूं, लेकिन फिर एक चमत्कार हुआ और मैं स्वाभाविक रूप से गर्भवती हो गई।”
अपने 2 असफल आईवीएफ की याद नमिता के साथ लंबे समय तक रही और वह किसी से इस बारे में चर्चा भी नहीं कर सकीं। यह खुलासा करते हुए कि उन्होंने इस बारे में क्यों खुलासा किया, 45 वर्षीय नमिता ने कहा, “जाहिर है, यादें मेरे साथ रहीं और 10 साल तक मैं इसके बारे में अपने यूट्यूब चैनल पर भी सार्वजनिक रूप से बात नहीं कर सकी, लेकिन 6 महीने पहले मैंने डॉक्टर से इन्फर्टिलिटी के बारे में बात की और मैं पूरी रात यह सोच कर रही थी कि क्या मैं इस बारे में सार्वजनिक हो सकती हूं। लोगों ने कहा कि यह निजी है और आप इसके बारे में बात क्यों करना चाहती हैं? लेकिन फिर मैंने अपने दिल की सुनी और पहली बार मैंने इसके बारे में बात की और अपनी किताब में इस खास चीज के बारे में लिखा है।''
'गाइडेंट कॉर्पोरेशन यूएसए' में छह साल तक काम करने के बाद नमिता सीएफओ के रूप में अपने पिता सतीश मेहता की कंपनी 'एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स' में शामिल हो गईं। वह वर्तमान में भारत में अपनी कंपनी के कारोबार का नेतृत्व कर रही हैं और पूरे देश में लगभग 4000 चिकित्सा प्रतिनिधियों को लीड कर रही हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि नमिता एंटरप्रेन्योर्स के लिए एक आदर्श हैं, जो कॉर्पोरेट क्षेत्र में अपना नाम बनाना चाहते हैं। नमिता थापर और विकास थापर की लव स्टोरी के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।
फिलहाल, नमिता की असफल आईवीएफ स्टोरी के बारे में आप क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।