By Shivakant Shukla Last Updated:
अपने जमाने की खूबसूरत दिवंगत एक्ट्रेस ललिता पवार (Lalita Pawar) ने अपने करियर में कई किरदार निभाए, लेकिन रामानंद सागर की 'रामायण' में निभाया गया उनका 'मंथरा' का रोल, वाकई अमर हो गया है। हालांकि, उनका निजी जीवन काफी संघर्षमय रहा है।
ललिता ने महज 9 साल की उम्र में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं। लेकिन एक एक्सीडेंट ने एक्ट्रेस के करियर पर ब्रेक लगा दिया था। दरअसल, फिल्म 'जंग-ए-आज़ादी' के एक सीन में उनके को-एक्टर भगवान दादा को उन्हें (ललिता) एक थप्पड़ मारना था। हालांकि, शूटिंग के वक्त भगवान दादा ने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ जड़ा कि उनके कानों से खून बहने लगा। इससे उनकी दाहिनी आंख की नस फट गई और नतीजा ये हुआ कि उनके चेहरे की एक साइड पैरालाइज हो गई और आंख में भेंगापन आ गया।
इस दुर्घटना के करीब 3 साल बाद वह ठीक तो हो गईं, लेकिन उनका चेहरा पूरी तरह बदल चुका था, जिसकी वजह से अब ललिता पवार को लीड रोल मिलने बंद हो गए। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और बतौर सपोर्टिंग एक्ट्रेस जबरदस्त कमबैक किया। ललिता ने कई बेहतरीन निगेटिव किरदार निभाए, जिनकी वजह से उन्हें रामानंद सागर की 'रामायण' में 'मंथरा' का आइकॉनिक रोल मिला और आज भी उनकी पहचान मंथरा के रूप में ही की जाती है।
1930 के दशक के बीच में ललिता पवार ने फिल्म निर्माता गणपतराव के साथ शादी की थी। हालांकि, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की वजह से उन्होंने अपने पति को तलाक दे दिया था। इसके बाद उन्होंने राजकुमार गुप्ता से दूसरी शादी की थी। वह भी पेशे से फिल्ममेकर ही थे। इस शादी से उन्हें एक बेटा जय पवार हैं, जो एक प्रोड्यूसर हैं।
ललिता ने अपनी एक्टिंग की बदौलत दर्शकों के जेहन में एक अमिट छाप छोड़ी है। जहां प्रोफेशनली उन्होंने बहुत चीजें हासिल कीं, वहीं उनके निजी जीवन में एक खलिश सी रही। यही वजह है कि अपने अंत समय में वह अकेली थीं। दरअसल, दूसरी शादी के कुछ सालों बाद उन्हें मुंह का कैंसर हो गया था, जिसके बाद वह पुणे में शिफ्ट हो गई थीं। एक बार उन्होंने अपनी परेशानियों के बारे में बात करते हुए कहा था, 'मैंने बहुत बुरे रोल किए हैं, शायद उन्हीं की सजा भुगत रही हूं।'
यह 24 फरवरी 1998 का दिन था, जब ललिता पवार ने अपने पुणे स्थित घर में अंतिम सांस ली। हालांकि, उनके घरवालों को उनकी मौत का पता तब चला, जब उनके बेटे जय ने फोन किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। जब एक्ट्रेस के परिवार वाले वहां पहुंचे, तब तक उन्हें मरे हुए 3 दिन हो चुके थे।
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फिलहाल, ललिता पवार भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार हमेशा उनकी याद दिलाते रहेंगे। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।